जितना प्यार पाया है आपसे उससे ज्यादा पाने को जी चाहता है न जाने वो कौन सी खूबी है आपमें की दोस्ती निभाने को जी चाहता है
रुतबा मेरा जो कल था आज भी है, कल भी रहेगा ATTITUDE है ये मेरा CALENDAR नहीं जो साल के साथ बदलता रहेगा
दे दो हाथों में हाथ कि ता उम्र का सौदा कर लें.. थोड़ी मोहब्बत तुम कर लो, थोड़ी सी हम कर ले
बनकर तेरा साया तेरा साथ निभाऊंगा.. तू जहाँ जहाँ जाएगी मैं वहाँ वहाँ आऊँगा.. साया तो छोड़ जाता है अँधेरे में साथ लेकिन में अँधेरे में तेरा उजाला बन जाऊँगा।
ये कागज़ का पन्ना आज भी तेरी खुशबु से महक रहा है जिसपे कभी तूने मजाक में i Love u लिखा था..
खुशबू मेरे वतन की सांसो में इस तरह घुल गई है कि जब भी कुछ बोलता हूं और सोचता हूं तो जय हिंद, वंदेमातरम ही याद आता है।
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा बस मैं यही अरमान रखता हूं।
हमें भी शौक था, दरिया-ए-इश्क में तैरने का, एक शख्स ने ऐसा डुबाया कि, अभी तक किनारा न मिला..
जरा सी ▪▪▪▪ जगह 🏞 छोड देना अपनी नींदों 💤🛏😴 में,
क्योकि आज रात 🌉🌃 तेरे ख्बाबो 🙇🏻♂️ में हमारा 🌙 बसेरा होगा।
Good Night.... 🌉🌃
यूँ खाली 👁👁🗨 पलकें झुका देने 😌😌😔 से नींद 😴💤😴 नही ❌🚫 आती.....
सोते 🛏🛏 वही लोग 👪👨👨👦👦👩👧👦 है जिनके 🦸🏻♀️🧑🏻🦸🏻♂️ पास किसी की यादें 🤔🤔🤨 नही 🚫 होती.....
Good Night 🌃🌉....
रेस वो लोग करते है, जिसे अपनी किस्मत आजमानी हो, हम तो वो खिलाडी है, जो अपनी किस्मत के साथ खेलते है..
बरसों से बेचैन रूह को जैसे सुकून मिल जाए, तेरी एक मुस्कान😊 पर निसार मेरे दो जहां जाए... देखो अब ख्याल भी दिल❤ में है मुश्किल आये, तू मुझे हकीकत न सही ख़्वाबों में मिल जाए...
तेरे जाते-जाते एक कसक मेरे दिल में रह गई, तू शायद लौटेगा कभी? मैं इस वहम में रह गई..
कौन कहता है, कि प्यार बर्बाद करता है, अगर तुम्हारे जैसा निभाने वाला मिल जाये, तो यह संसार याद करता है।
हमारी बाहों में आने की, सज़ा भी जान लो ऐ सनम, ज़िन्दगी भर हमारी आगोश से, तुम आज़ाद नहीं हो सकोगे
प्यार के रंगों से भरो पिचकारी,स्नेह के रंगों से रंग दो दुनिया सारी ये रंग न जाने न कोई जात न बोली, सबको हो मुबारक ये हैप्पी होली
वहम है तुम्हारा कि मोहब्बत आँखों से होती है, दिल चुराने वाले तो पलकें भी नहीं उठाते...
बात यूँ है कि तुम हमसे कतराया न करो, और जब मिल जाये नज़रें तो मुस्कुराया न करो... तुम्हारी एक अदा सौ बिजलियाँ गिराती है, तुम यूँ सज-संवर कर मेरे आगे आया न करो...
रंज़िशें ही सही दिल को दुखाने के लिए आ, आ तू फिर मुझे छोड़कर जाने के लिए आ..... सबको कैसे बताएँगे जुदाई का सबब हम, तू मुझसे ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ....
दुनिया से लड़ कर तुझे अपना बनाया था, आखिर में तू वहीं निकला जो सबने बताया था...
तेरे सीने से लगकर तेरी आरज़ू बन जाऊं, तेरी सांसों से मिलकर तेरी खुशबू बन जाऊं.. न रहे कोई फ़ासला हम दोनों के दरमियां, मैं "मैं" न रहूं बस "तुम" बन जाऊं …!!
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो, न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये...
हमारे गले लगकर हमारे सारे शिकवे दूर कर दो, हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो।
हम क्यों करें अपनी मोहब्बत की नुमाइश, क्या इतना काफी नहीं कि तुम्हे चाहते है हम?...
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाबों में आकर मिला करो, भटके मुसाफिर को चांदनी रातों में आकर मिला करो।
एक उमर गुजर गयी है तुझे चाहते हुए,तू आज भी बेखबर है पहले की तरह।
पूरा ना सही अधूरा ही रहने दो,ये मोहबत्त है कोई मक़सद तो नहीं है।
हम पर जो बीती है, तुम नहीं सुन पाओगे,नाज़ुक सा दिल रखते हो, रोने लग जाओगे।
जानता है ये ज़माना आज भी मुझे तेरे नाम से,मुझे आज भी प्यार है तेरे साथ गुज़ारी हर उस शाम से।
सर पे रख कर हाँथ मेरे झूठी कसमें खाया न कर,मुझे काजल लगाने का शौक़ है, यूँ बात-बात पे रुलाया न कर।
किस-किस तरह छुपाएं अब हम तुम्हें,हमारी हँसी में भी तुम सुनाई देने लगे होये प्यार नहीं तो और क्याजो तुम हमे हर कही दिखाई देने लगे हो।
किन शब्दों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,बेजुबां है प्यार मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुम्हे।
चलो अब रहने भी दो क्या करोगे कहानी सुनकर हमारी,ख़ामोशी तुम समझ नहीं पाओगे और बयां हम कर नहीं पाएंगे।
मेरा इश्क़ तुझे ख़ामोशी से ढूंढता रहता है,किन अल्फ़ाज़ों में लिखूं की इंतज़ार आपका हर पल रहता है।
हमारी कोशिश कभी मुक़म्मल न हो सकी,न तुम्हे अपना बनाने की न तुम्हे भूल जाने की।
बिखरी किताबें, भीगीं पलकें और ये रुस्वाई,कहे कैसे कि इश्क़ में हमे कुछ मिला ही नहीं।
शिकायत भी तुझ से बहुत है मगर इश्क़ भी,लेकिन वो शिकायतें अपनी जगह है और इश्क़ अपनी जगह।
तुझे सपनों में देखकर दिल का क़रार खो ही जाता है,मैं लाख रोकूं खुद को मगर तुमसे प्यार हो ही जाता है...
ये तो न बता सके की मुकद्दर की बात है,हमारी अज़ाब में तुम्हारा भी हाथ है।
सारी उम्र उसी कि यादों में बीती,जिसे ता-उम्र हमारा ख्याल ना आया।
दूर होकर उस से बेचैन बहुत हूँ मैं,सुना है वो भी बहुत उलझा हुआ रहता है।
तुमसे मोहब्बत कितनी है, मैं लफ़्ज़ों में कैसे बताऊँ?तुमको एहसास दिलाने के लिए मैं गवाही कहाँ से लाऊँ...
लोगों से सुना था की इश्क़ की हार होती है,जो चाहत एक तरफा हो वो फ़ना हो जाती है।कभी दुआ की एक अल्फ़ाज़ असर हो जाती है,और कभी अरसों की इबादत भी नाकाम हो जाती है।
कामिल हो गयी दास्ताँ बस चंद अल्फ़ाज़ बाकी हैं,एक अधूरे महोबत्त की एक मुक़म्मल सी याद बाकी है।
तेरे बारे में मैंने सबको बता दिया था,एक यही हसीं गुनाह था जो मैंने किया था।
ज़िद मत किया करो हमारी बीती कहानी सुनंने की,हम मुस्कुराकर भी कहेंगे तो तुम में तहम्मुल नहीं सुनंने की।
अश्क आ जाते है रोने से पहले,सपने टूट जाते है सोने से पहले,ज़माना कहता है इश्क़ करना गुनाह है ,काश...कोई रोक देता इश्क़ होने से पहले।
रूह से रूह मिले तो सज़ा देते है लोग,इश्क़ के जज़्बातों को डुबा देते है लोग,दो जिस्म-एक जान को मिलने कहाँ देते है लोग,साथ बैठे दो पंछियों को उड़ा देते है लोग।
सिर्फ़ चहरे की उदासी से भर आये आंसू,दिल का आलम तो अभी आपने देखा ही नहीं।
जरुरी तो नहीं कि जीने के लिए कोई सहारा हो,जरुरी नहीं हम जिनके हैं वो शख़्स भी हमारा हो,कुछ कश्तियाँ डूब भी जाती है गहरे समंदर में,जरुरी तो नहीं हर कश्ती का कोई किनारा हो...
गुलशन-ए-इश्क़ खिलता हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,जिधर देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए...
खुदा ने मुझसे पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को?दिल ने कहा कि सच्ची मोहब्बत हो जाए उसे भी...
मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,अब सारा शहर तो उसकी तरह बेवफा नहीं हो सकता...
सिर्फ एक ही बात सिखाई इन हुस्न ,वालों ने हमें,जो जितनी हसीं उसकी अदा उतनी ही बेवफा है...
दुनिया फरेबी होते हुए भी हुनरमंद हो गई,हम ऐतबार करके ज़रा सा गुनहगार हुए...