हजारों वजहें ढूंढी मैंने, तुमसे नफ़रत करने की भी...
पर मेरा ये दिल तुम्हें ही चाहने की ज़िद कर बैठा है...
जा के समुंदर के किनारे तुम,
अपने हाथों में पानी उठा लेना...
जितना तुम उठा लो वो तुम्हारी चाहत...
और जो न उठा सको वो मेरी मोहब्बत...
टूट कर भी वो अकसर बिखरे,
पर जो बिखर गया वो सपना क्या,
छोड़ने के तो बहाने खूब मिलेगें,
पर जो छोड़ गया वो अपना क्या...
ये शिकायत है उन्हें कि हमको उनसे मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है पर इसे शिकायत करना नहीं आता...
इस अजनबी दुनिया में किसी से भी दिल न लगाना,
सुना है बिन बुलाये आने वाले बिन बताये ही चले जाते है....
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखती हूँ,
गम और जुदाई के अब जुदा अंदाज लिखती हूँ,
रुकते ही नहीं है आंखों से बहते ये आंसुओं के धारे,
मैं जब भी उसकी याद में कोई अल्फाज लिखती हूँ...
सिमट जाती हैं तमन्नाएँ, अक्सर तहजीब के दायरे में...
वरना इश्क और ख्वाहिशें कहाँ बेजुबान हुआ करते हैं...
बहुत शौक से उतरे थे हम भी कभी, इश्क के समुन्दर में...
एक ही लहर ने ऐसा डुबोया कि आज तक किनारा ना मिला...
बनाने वाले ने दिल कांच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जख्म तो आया होता,
फिर जब भी कभी देखते वो अपने हाथों को,
उनके दिल में ख्याल हमारा भी आया तो होता...
Tujhe Piyar Karna Nahi Aata,
Mujhe Piyar ke Siva Kuch Nhi Aata,
Duniya Main Jeene Ke Do Hi Tarike Hai,
Ek Tujhe Nahi Aata, Ek Mujhe Nahi Aata....
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की,
जब जहाँ जो मिला अपना लिया मैंने,
जो न मिला उसकी कभी ख्वाहिश न की....
मोहब्बत के अपने दिलकश अंदाज़ होते हैं,
जागती आँखों में भी कुछ सुनहरे ख़्वाब होते हैं,
ज़रूरी नहीं है कि सदा ग़म में ही निकलें आँसू,
कुछ मुस्कुराती आँखों में भी बड़े सैलाब होते हैं....
जाओ ढूंढ लो,
हमसे भी ज्यादा चाहने वाला सनम,
मिल जाए तो खुश रहना साथ उसके,
ना मिले तो लौट आना सदा तेरे है हम...
उनकी फ़ितरत है वो दर्द देने की रस्म अदा कर रहे हैं,
हम भी उसूलों के पक्के हैं दर्द सहकर भी वफ़ा कर रहे हैं....
हमने कब उनसे मुलाकात का वादा चाहा,
दूर रह कर बस उन्हें और भी ज्यादा चाहा,
याद आये हमें वो और भी शिद्दत से ज्यादा,
भूल जाने का उनको जब भी इरादा चाहा....
हर क़दम पर खाया धोखा..
हर क़दम पर चोट भी खायी..
मगर फिर भी... हमने मुस्कुराना नहीं छोड़ा...
बुरे भी बने.. भले भी बने.. किसी की नजर मेँ...
मगर फिर भी हमने नजर मिलाना नहीं छोड़ा...
साथ रोता भी था, हँसा भी करता था,
वो मेरे ही दिल में बसा भी करता था....
किस्मत बड़की कुछ ऐसे कि हम जुदा हो गए,
वरना कोई मुझे भी, अपनी तकदीर कहा करता था....
वो दिल्लगी थी य़ा दिल की लगी,
ये भी कहां समझ पाये तुम......
होठों की मुस्कुराहट तो देखी ,
आँखों की नमी कहां पढ़ पाये तुम.....
तुम 😎 गुज़ार ⌛⏳ ही लोगे ज़िन्दगी 🧬, हर फन 🤡🤠🤗😎🤩 में माहिर 👌🏻👍🏻 हो...
पर मुझे 🙂 तो कुछ भी नहीं ❎ आता, तुम्हे 😎 चाहने 😍😘 के सिवा...
तेरी 😎 आरज़ू 😍 अब ⏱ मेरा ख्वाब 🤔 है,
जिसका रास्ता 🛣🛣 बहुत ही खराब 🚵🏻♂️ है,
मेरे 🤕🩸 ज़ख्मों 🩸 का अंदाज़ा न ❌ लगा ऐ सनम 😍,
मेरे दिल ❤ का हर पन्ना 🖤📖 तेरे दर्द 💘💔 की किताब 📕 है.....
चाँहू 🤔🤩 तो भी तुझसे 🦸🏻♂️ गुफ्तगू 🗣 हो नही ❌ सकती,
दिल ❤ रोया 😭 मेरा 💔💘 इतना कि चुप 🤫 हो नही ❌ सकती 🦸🏻♀️,
भले ही तुझ पर 🦸🏻♂️ पूरी जिंदगी 🧬 निसार कर दूँ,
मगर मेरे प्यार 💖 की कद्र 😍😘 तुझे हो नही ❌ सकती.....
ये पल ⌛ दो पल ⏱ की बातें 🗣, वो सदियों 📅 का बंधन 💞💝...
वो मांग का सिंदूर 👰🏻, वो हाथ के कंगन 💃🏻...
किसी और की मोहब्बत 🖤, किसी और का आंगन 🏡🏠...
कुछ किस्मत 🤞🏻 का खेल 🎮🕹, कुछ रस्मों 💝 के बंधन 💑🤝🏻...
दिल ❤ को दर्द 💔💘 और आँखों 👀 को आँसू 😥😭😓 मिल तो गए है,
कैसे कहे 🗣 कि इश्क 😍 किया और कुछ पाया 🥰 ही नहीं ❌ है...