दूर रहकर करीब रहना नजाकत है हमारी...
याद बनकर आँखों में बसना शरारत है हमारी...
करीब न होते हुए भी करीब पाओगे क्योंकि...
एहसास बनकर दिल में रहना आदत है हमारी...
कभी तुम्हारी याद आती है कभी तुम्हारे ख़्वाब आते हैं...
मुझे सताने के सलीके तो जानेमन तुम्हें बे हिसाब आते हैं...
हर शाम से तेरा इज़हार किया करते है,
हर ख्वाब मे तेरा दीदार किया करते है,
दीवाने है हम जानम तेरे इसलिए हर वक़्त,
मिलने का बड़ी शिद्दत इंतज़ार किया करते है....
होंठो ने तेरा ज़िक्र न किया,
पर मेरी आंखे तुझे पैग़ाम देती है...
हम दुनियाँ से तुझे छुपाएँ कैसे,
मेरी हर शायरी तेरा ही नाम लेती है...
निगाहों से तुम्हारे दिल का एक पैगाम लिख दूँ,
मोहब्बत से वफ़ा का खुशनुमा अजांम लिख दूँ,
मेरे लबों पर तुम कभी गज़ल बनके चले आओ तो,
मैं सातों जन्म की अपनी सांसें तक तुम्हारे नाम लिख दूँ...
ना तो यादों को याद रखते हैं,
ना ही सपनों को साथ रखते हैं,
हम तो बस उनकों याद रखते है,
जो हमें सदा दिल के पास रखते है...
सुनो ना..
कुछ बूँद हिचकियों की मिला दो इन हवाओं में...
कि तेरे पास होने का एहसास मेरी साँसों को हो जाये...
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
राते कटती है लेकर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठी हूँ पालके ये आस,
कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा...
भँवर में है सफ़ीना ले के हम पतवार बैठे हैं,
किनारे पर दर्द की बस्ती के साहूकार बैठे हैं,
तुम्हारे ख्वाब में आने की हसरत आज भी है,
पर सुना है, द्वार पर पलकों के पहरेदार बैठे है...
रोज ख्वाबों में आ रहे हो तुम,
दिल की धड़कन बढ़ा रहे हो तुम,
है मोहब्बत तो मेरे पास आओ ना,
दूर से यूँ क्यों हमें सता रहे हो तुम...
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर हमारी नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे इस मासूम दिल को,
तुम ख्वाबो में आकर यूँ हमें तडपाया ना करो....
उनकी आवाज़ सुनने को बेकरार रहते हैं,
शायद इसी को ही दुनिया में प्यार कहते हैं,
काटने से भी जब ना कटे वक्त जिंदगी में,
उसी को मोहब्बत में असली इंतज़ार कहते है....
तुमने ना सुनी धड़कन हमारी,
पर हमने महसूस की हर सांस तुम्हारी,
इतनी दूर होकर भी पास हो दिल के,
शायद यही है प्यारी सी मोहब्बत हमारी...
करवट बदल - बदल के रात कटी, पर नीद न आई आंखों में,
तेरी यादों ने उलझाए रखा हमको न जाने किन-किन बातो मे...
सुनो,
नस नस मे नशा है तेरा,
हर सांस को तेरी ही तलब है,
ऐसे मे अब दूर कैसे रहूँ तुझसे मै,
तू ही इश्क है मेरा, तू ही मोहब्बत है....
तुम दिल से यूँ हमे पुकारा ना करो,
सरे आम महफ़िल में यूँ इशारा न करो....
तुमसे गर दूर है, तो इसमें कुछ मजबूरी हमारी,
खुद जाकर तन्हाइयो में यूँ, तुम तो हमे तड़पाया न करो....